उज्जैन: जहां एक तरफ सरकार किसानों के कर्ज माफ कर रही है, वहीं उज्जैन जिले के एक कबाड़ की दुकान पर हजारों किसानों के कर्ज माफी प्रमाण पत्र मिलने से हड़कंप मच गया है। जानकारी अनुसार बड़नगर मार्ग स्थित एक कबाड़ी वाले को इंदौर के एक बैंक द्वारा रद्दी बेची गई। यह आम कागज की रद्दी नहीं है, एसीपी शीट पर बनी किसानों के जय किसान फसल ऋण माफी योजना के मंहगे प्रमाण पत्रों की रद्दी है जिसे पूर्व में आई कांग्रेस सरकार द्वारा किसानो को बांटने के लिए छपवाया गया था।
शीट पर तत्कालीन मुख्यमंन्त्री कमलनाथ की तस्वीर है और बड़े शब्दो में किसान सम्मान पत्र लिखा है और नीचे कमलनाथ के हस्ताक्षर है। बात बड़ी इसलिए है क्योंकि सरकार किसानों के ऋण माफी के नाम पर बनी और वादा किया गया कि सबके ऋण 10 दिन में माफ किए जाएंगे। अगर सबके ऋण माफ हुए तो रद्दी में पड़े इन महंगे प्रमाण पत्रों का जिम्मेदार कौन?
वहीं, आज ही कांग्रेस ने कर्ज माफी पर विधानसभा में हंगामा कर वॉकआउट किया है। पूरे मामले में कांग्रेस के प्रदेश सचिव कमल चौहान का कहना है कि योजना में प्रमाण पत्र ना बांटने के जिम्मेदार तत्कालीन आधिकारी है जिन्होंने कार्य को ठीक से नहीं किया। अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कमल चौहान ने कहा कि मैं निंदा करता हूं और सरकार से इसकी निष्पक्ष जांच की भी मांग करता हूं।
आपको बता दें कि आज ही भोपाल में किसान कर्ज माफी के मुद्दे पर कांग्रेस ने विधानसभा से सरकार पर योजना को बंद करने का आरोप लगाते हुए वॉकआउट किया है। विधानसभा में चर्चा के दौरान विपक्षी कांग्रेस ने कर्जमाफी का मुद्दा उठाया था ।