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Dress of Nishan Sahib changed in Sachkhand Sri Harmandir Sahib, decision taken on the orders of Sri Akal Takht Sahib

Sachkhand Sri Harmandir Sahib में बदली गई निशान साहिब की पोशाक, श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश पर लिया गया फैसला

उजाला केसरी ब्यूरो, अमृतसर: सचखंड श्री हरमंदिर साहिब में लगे निशान साहिब की आज शुक्रवार को पोशाक बदल दी गई है। बता दें कि अब निशान साहिब पर केसरी रंग की जगह बसंती रंग की पोशाक चढ़ाई गई है। पोशाक बदलने से पहले अरदास की गई और फिर बसंती रंग की पोशाक निशान साहब पर चढ़ाई गई। इसके बाद स्वर्ण मंदिर के अधीन सभी निशान साहिब को एक-एक करके हटाया जा रहा है और उन पर बसंती निशान साहिब लगाया जा रहा है।

दरअसल, SGPC धर्म प्रचार कमेटी ने एक सर्कुलर जारी करते हुए निशान साहिब की पोशाक का रंग बदलने के आदेश जारी किए हैं और केसरी निशान हटाकर बसंती रंग की पोशाक का निशान झुलाने का आदेश जारी किया गया है। जारी आदेश में कहा गया है कि निशान साहब की पोशाक का रंग बसंती या सुरमई ही होना चाहिए, क्योंकि केसरी निशान भगवा रंग का भ्रम देता है।

गोल्डन टेंपल में मीरी-पीरी को समर्पित निशान साहिब को बदलते SGPC कर्मी। - Dainik Bhaskar

बताया जा रहा है कि 15 जुलाई को अमृतसर में हुई पांचों तख्तों के जत्थेदारों की बैठक में यह फैसला लिया गया था कि अब शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के अधीन आने वाले हर गुरुद्वारा साहिब में केसरिया रंग की जगह सुरमई (गहरा नीला) या बसंती (पीला) रंग का निशान साहिब फहराया जाएगा।

गौरतलब है कि वर्तमान में, निशान साहिब ज्यादातर केसरी (भगवा) रंग में देखा जाता है और अधिकांश गुरुद्वारों में भी केसरी रंग का निशान साहिब होता है। वहीं, निहंग समूहों और उनकी छावनियों द्वारा प्रबंधित गुरुद्वारों में यह सुरमई रंग में होता है। जुड़वां निशान साहिब झंडे, जो मिरी-पीरी के प्रतीक हैं वहां भी केसरी रंग के निशान साहिब फहराए जाते रहे हैं।

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