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High Court's strict decision on Ayushman Bharat Scheme, salaries of 4 health department officials attached

Ayushman Bharat Scheme योजना पर High Court का सख्त फैसला, Health Department के 4 अधिकारियों का वेतन किया Attached

उजाला केसरी ब्यूरो, लुधियाना: पंजाब में आयुष्मान भारत योजना के निजी अस्पतालों के लंबित बकाया राशि के भुगतान के मामले में अब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कड़े संज्ञान लेते हुए राज्य के प्रमुख स्वास्थ्य सचिव कुमार राहुल, चीफ एग्जीक्यूटिव आफिसर बबीता, डायरेक्ट दीपक तथा स्टेट हेल्थ एजेंसी की डिप्टी डायरेक्टर शऱणजीत कौर सहित चार शीर्ष अधिकारियों के वेचन अटैच करने का आदेश दिया है।

मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने आयुष्मान योजना के लिए निर्धारित अपने हिस्से के दुरुपयोग का आरोप लगाए जाने के बाद हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विनोद एस भारद्वाज की पीठ ने सरकार द्वारा 30 दिसंबर 2021 से लेकर 29 अप्रैल 2024 तक आयुष्मान भारत योजना के तहत अस्पतालों को बिलों के भुगतान का ब्योरा मांगा है इसके अलावा इस अवधि के दौरान विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर खर्चों जिसमें मुफ्त बिजली वितरण आटा दाल स्कीम मंत्रियों विधायकों तथा क्लास वन अफसर के घरों का रिनोवेशन का खर्चा मंत्री एवं विधायकों तथा क्लास वन अफसर के लिए नए वाहनों की खरीद का वहां के मेक सहित विवरण तथा सभी प्रकार के विज्ञापनों का खर्च यह जानकारी राज्य सरकार को शपथ पत्र पर देनी होगी।

वहीं इस मामले में अदालत का कहना है कि यह जानकारी पंजाब सरकार से इसलिए मांगी गई है ताकि यह देखा जा सके कि केंद्र द्वारा आए फंड्स अथवा ग्रांट्स का खर्च उसी उद्देश्य को लेकर किया गया है जिसके लिए फंड्स अथवा ग्रांट केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई। वहीं मामले की जानकारी देते हुए प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम एसोसिएशन के प्रधान डॉक्टर विकास छाबड़ा महासचिव डॉक्टर दिव्यांशु गुप्ता तथा संगठन के वित्त सचिव डॉ रविंद्र सिंह बल ने बताया कि न्यायालय इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) पंजाब और अन्य की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जो 2022 से लंबित है, जिसमें आयुष्मान भारत योजना के तहत पंजीकृत अस्पतालों के बकाया दावों को जारी करने की मांग की गई है उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत 60% राशि केंद्र द्वारा और 40% राज्य सरकार द्वारा दी जाती है।

उक्त मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया कि दिसंबर 2022 तक 500 करोड़ रुपये की देनदारी स्वीकार की गई है, जिसे राज्य द्वारा अभी जारी किया जाना है और केवल 26 करोड़ रुपये ही जारी किए गए हैं। दूसरी ओर केंद्र ने अदालत को बताया था कि 2023-24 तक उसका हिस्सा 355.48 करोड़ रुपये होगा, जिसे केंद्र ने राज्य सरकार को जारी कर दिया है।

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