चंडीगढ़ः पंजाब में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार ने बैसाखी के मौके पर पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारों की यात्रा के लिए सिख जत्थे को भेजने का फैसला किया है। सिख जत्थे का यह दौरा 12 अप्रैल से 21 अप्रैल तक होगा। इससे पहले फरवरी में केंद्र सरकार ने सिख जत्थे की पाकिस्तान यात्रा कोरोना का हवाला देते हुए रोक दी थी। उस समय पंजाब में कोरोना के दूसरे चरण की शुरुआत ही हुई थी और बेहद कम मामले सामने आ रहे थे। अब रोज लगभग 35 से अधिक मौतें और 2000 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं।
गृह मंत्रालय की ओर से पंजाब की मुख्य सचिव को फैक्स संदेश भेजा गया है। इसमें जत्थे के कार्यक्रम की रूपरेखा भी तय कर दी गई है। इसके तहत 12 अप्रैल को जत्था वाघा बार्डर के रास्ते पैदल ही पाकिस्तान में प्रवेश करेगा और गुरुद्वारा श्री पंजा साहिब के लिए रवाना होगा। जत्था 13 अप्रैल को गुरुद्वारा श्री पंजा साहिब में रुकेगा और वहां से वली कंधारी गुफा जाएगा। 14 अप्रैल को गुरुद्वारा पंजा साहिब में बैसाखी पर्व का मुख्य समारोह होगा और उसके बाद सिख जत्था श्री ननकाना साहिब के लिए रवाना होगा।
15 अप्रैल को श्री ननकाना साहिब में स्थानीय गुरुद्वारों के दर्शन करने के बाद 16 अप्रैल को गुरुद्वारा श्री सच्चा सौदा के दर्शन कर वापस श्री ननकाना साहिब लौटेगा।17 अप्रैल को यह जत्था सड़क मार्ग से श्री ननकाना साहिब से लाहौर स्थित गुरुद्वारा श्री डेरा साहिब जाएगा।18 अप्रैल तक यहां ठहरने के बाद 19 अप्रैल को गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब करतारपुर पहुंचेगा और यहीं रात्रि विश्राम होगा। 20 अप्रैल को श्री गुरुद्वारा रोढ़ी साहिब के दर्शन कर जत्था लाहौर वापस पहुंचेगा, जहां 21 अप्रैल तक गुरुद्वारा श्री डेरा साहिब में ठहरने के बाद 22 अप्रैल को वाघा बार्डर के रास्ते ही भारत लौट आएगा।